Tuesday, May 4, 2010

Thak gaye hum unka intzaar karte karte..

Thak gaye hum unka intzaar karte karte.


Roye hazaar baar takraar karte karte.

Do lafz unki zuba se na nikle aur tut gaye

hum ek tarfa payar karte karte

Yaad karte hai tumhe tanhai mein

Yaad karte hai tumhe tanhai mein ,


dil dooba hai gamo ki garai mein,

hume mat dhoundna duniya ki bhid mein,

hum milenge tumhe tumahi parchaai mein

दिल से खेलना हमे आता नहीं....

मत इंतज़ार कराओ हमे इतना


कि वक़्त के फैसले पर अफ़सोस हो जाये

क्या पता कल तुम लौटकर आओ

और हम खामोश हो जाएँ





दिल से खेलना हमे आता नहीं

इसलिये इश्क की बाजी हम हार गए

शायद मेरी जिन्दगी से बहुत प्यार था उन्हें

इसलिये मुझे जिंदा ही मार गए



मना लूँगा आपको रुठकर तो देखो,

जोड़ लूँगा आपको टूटकर तो देखो।

नादाँ हूँ पर इतना भी नहीं ,

थाम लूँगा आपको छूट कर तो देखो।



लोग मोहब्बत को खुदा का नाम देते है,

कोई करता है तो इल्जाम देते है।

कहते है पत्थर दिल रोया नही करते,

और पत्थर के रोने को झरने का नाम देते है।



भीगी आँखों से मुस्कराने में मज़ा और है,

हसते हँसते पलके भीगने में मज़ा और है,

बात कहके तो कोई भी समझलेता है,

पर खामोशी कोई समझे तो मज़ा और है...!